भा.कृ.अ.प. - भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान | ICAR-Indian Agricultural Research Institute

कृषि मौसम सलाहकार

मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवाएं
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा
कृषि भौतिकी संभाग
भा. कृ. अनु. प. -भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्‍ली – 110012
(दिल्ली और इसके आस-पास के गाँवों के लिए) Website: www.iari.res.in


साल-31, क्रमांक:-13/2024-25/मंग.                                                    समय: अपराह्न 2.30 बजे                                                     दिनांक: 14-05-2024

बीते सप्ताह का मौसम (08 से 14 मई, 2024)

सप्ताह के दौरान आसमान में हल्के बादल रहें। दिन का अधिकतम तापमान 36.6 से 41.2 डिग्री सेल्सियस (साप्ताहिक सामान्य 39.4 डिग्री सेल्सियस) तथा न्यूनतम तापमान 23.4 से 28.4 डिग्री सेल्सियस (साप्ताहिक सामान्य 23.9 डिग्री सेल्सियस) रहा। इस दौरान पूर्वाह्न 7.21 को सापेक्षिक आर्द्रता 64 से 83 तथा दोपहर बाद अपराह्न 2.21 को 29 से 49 प्रतिशत दर्ज की गई। सप्ताह के दौरान दिन में औसत 7.6 घंटे प्रतिदिन (साप्ताहिक सामान्य 7.6 घंटे) धूप खिली रही। हवा की औसत गति 3.6 कि.मी. प्रतिघंटा (साप्ताहिक सामान्य 5.8 कि.मी प्रतिघंटा) तथा वाष्पीकरण की औसत दर 7.4 मि.मी (साप्ताहिक सामान्य 8.8 मि.मी) प्रतिदिन रही। सप्ताह के दौरान पूर्वाह्न तथा अपराह्न को हवा भिन्न-भिन्न दिशाओं से रही।


भारत मौसम विज्ञान विभाग, क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र, लोदी रोड़, नई दिल्ली से प्राप्त मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान
मौसमी तत्व/दिनांक 2024-05-152024-05-162024-05-172024-05-182024-05-19
वर्षा (मि.मी.) 0.00.00.00.00.0
अधिकतम तापमान {°सेल्सियस}4243444444
न्यूनतम तापमान {°सेल्सियस}2527272828
बादलों की स्थिति (ओक्टा)24224
सापेक्षिक आर्द्रता(प्रतिशत) अधिकतम7570656570
सापेक्षिक आर्द्रता(प्रतिशत) न्यूनतम2525253035
हवा की गति (कि.मी/घंटा)1620242824
हवा की दिशाउत्तर-उत्तर-पश्चिमउत्तर-उत्तर-पश्चिमउत्तर-उत्तर-पश्चिमपश्चिम-उत्तर-पश्चिमपश्चिम-उत्तर-पश्चिम
साप्ताहिक संचयी वर्षा (मि.मी.)
0.0 mm
विशेष मौसम
दिन के समय तेज हवाएं(25-35 कि.मी/घंटा) चलने की संभावना है।

साप्ताहिक मौसम पर आधारित कृषि सम्बंधी सलाह 19 मई, 2024 तक के लिए

कृषि परामर्श सेवाओं, कृषि भौतिकी संभाग के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को निम्न कृषि कार्य करने की सलाह दी जाती है।

  • आने वाले दिनों में लू (गर्म हवा) की संभावना को ध्यान में रखते हुए सब्जियों, सब्जियों की नर्सरी, जायद फसलों तथा फलों के बगीचों में हल्की सिंचाई नियमित अंतराल पर करें। 
  • ग्रीष्मकाल हरी खाद के लिए सनई, ढैंचा की बुवाई कर सकते हैं। सनई की बीज दर 60-70 और ढैंचा की 50-60 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर है।  अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है। 
  • ग्वार, मक्का, बाजरा आदि चारा फसलों की बुवाई इस सप्ताह कर सकते हैं।  बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है। बीजों को 3-4 से.मी. गहराई पर डाले और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25-30 से.मी. रखें।
  • किसान अरहर और कपास की बुवाई के लिए खेतों को तैयार करें तथा बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें। 
  • तापमान को देखते हुए, किसान तैयार सब्जियों की तुड़ाई सुबह या शाम को करें तथा इसके बाद इसे छायादार स्थान में रखें।
  • भिंडी की फसल में तुड़ाई के बाद युरिया @ 5-10 कि.ग्रा. प्रति एकड़ की दर से डाले तथा माईट कीट की निरंतर निगरानी करते रहें। अधिक कीट पाये जाने पर ईथियाँन @1.5-2 मि.ली./लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। 
  • बैंगन तथा टमाटर की फसल को प्ररोह एवं फल छेदक कीट से बचाव हेतु ग्रसित फलों तथा प्रोरहों को इकट्ठा कर नष्ट कर दें। यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड़ कीटनाशी 48 ई.सी. @ 1 मि.ली./4 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
  • इस मौसम में किसान अपनी मिट्टी की जांच किसी प्रमाणित स्रोत से करवाएं और जहाँ संभव हो अपने खेत का समतलनीकरण करवाएं।
  • अनाज को भंडारण में रखने से पहले भंडारघर की सफाई करें तथा अनाज को सुखा लें। दानों में नमी 12 प्रतिशत से ज्यादा नही होनी चाहिए। भंडारघर को अच्छे से साफ कर लें। छत या दीवारों पर यदि दरारें है तो इन्हे भरकर ठीक कर लें। बोरियों को 5 प्रतिशत नीम तेल के घोल से उपचारित करें। बोरियों को धूप में सुखाकर रखें। जिससे कीटों के अंडे तथा लार्वा तथा अन्य बीमारियाँ आदि नष्ट हो जावें।

सलाहकार समिति के वैज्ञानिक 

डा. अनन्ता वशिष्ठ (नोड़ल अधिकारी, कृषि भौतिकी संभाग)

डा. सुभाष नटराज (अध्यक्ष, कृषि भौतिकी संभाग)

डा. प्र. कृष्णन (प्राध्यापक, कृषि भौतिकी संभाग)    

डा. देब कुमार दास (प्रधान वैज्ञानिक, कृषि भौतिकी संभाग)

डा. बी. एस. तोमर (अध्यक्ष, सब्जी विज्ञान संभाग)

डा. सचिन सुरेश सुरोशे (परियोजना समन्वयक, मधुमक्खी पर अखिल भारतीय समन्वित परियोजना)

डा. दिनेश कुमार (प्रधान वैज्ञानिक, सस्य विज्ञान संभाग)

डा. पी सिन्हा (प्रधान वैज्ञानिक, पादप रोग संभाग)


ICAR-IARI Scientists